सर्वाइकल का दर्द (Cervical Pain) आज कल कई सारे लोगों में देखने को मिल रहा है। सर्वाइकल के दर्द को कई सारे लोग सामान्य रूप से गर्द के दर्द के रूप में मानते हैं और वे इसके लिए साधारण तरीकों जैसे गर्दन का व्यायाम करना, योगा इत्यादि को अपनाते हैं।
हालांकि, इनसे उन्हें सर्वाइकल के दर्द में थोड़ा आराम मिल जाता है, लेकिन कुछ समय के बाद सर्वाइकल फिर से उत्पन्न हो जाता है और इस प्रकार सर्वाइकल कैंसर का रूप ले लेता है।
यदि भारत की बात की जाए तो टाइम्स नाउ में प्रकाशित समाचार के अनुसार 53 भारतीय महिलाओं में से 1 महिला सर्वाइकल से पीड़ित है, और इसकी वजह से लगभग 17 महिलाओं की मृत्यु हो जाती है।
यह आकंड़े सर्वाइकल समस्या की भयानक स्थिति को बयां करने के लिए काफी हैं। इस प्रकार लोगों को इसके बारे में अधिक-से-अधिक जानकारी प्राप्त करनी चाहिए ताकि वे समय रहते सर्वाइकल से निजात पा सकें।
यदि आप भी सर्वाइकल बिल्कुल नया शब्द है, जिसके बारे में आपको पूर्ण जानकारी नहीं है, तो इसे लेकर आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस लेख के माध्यम से आप सर्वाइकल की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
क्या है सर्वाइकल का दर्द? (Meaning of Cervical Pain in Hindi)
सर्वाइकल डिस्क हड्डियों के बीच के दर्द को अवशोषित करती है। गर्दन की हड्डियां, स्नायुबंधन (ligaments) और मांसपेशियां सिर का समर्थन करती हैं और गति को सामान्य बनाए रखती हैं।
ऐसे में यदि उस जगह पर किसी भी असामान्यता, सूजन, या चोट होने पर गर्दन में दर्द या अकड़न हो सकती है और इसके लिए फिजियोथेरेपी या व्यायाम की जरूरत पड़ सकती है।
सर्वाइकल के दर्द के लक्षण क्या हैं? (Cervical Pain Symptoms in Hindi)
सर्वाइकल के कुछ लक्षण होते हैं, जो इसकी शुरूआत के संकेत देते हैं। यदि किसी व्यक्ति को ये 5 लक्षण दिखाई देते हैं, तो उसे इन्हें गंभीरता से लेना चाहिए और अपने स्वास्थ की जांच तुरंत करानी चाहिए
बांह, हाथ एवं पैर में सूजन अथवा कमजोरी का महसूस होना- यह सर्वाइकल का प्रमुख लक्षण होता है, जिसमें बांह, हाथ एवं पैर में सूजन हो जाती है। इसके साथ में उसे काफी कमजोरी भी महसूस होती है और वह किसी भी काम को ज्यादा देर तक नहीं कर पाता है।
चलने में तकलीफ होना- यदि किसी को गर्दन के दर्द के कारण चलने में परेशानी होती है, तो उसे इसकी सूचना तुंरत डॉक्टर को देनी चाहिए और इसका इलाज जल्द-से-जल्द कराना चाहिए।
मांसपेशियों में ऐंठन का होना- अक्सर, ऐसा देखा गया है कि लोगों की मांसपेशियों (विशेषकर पैरो, बांह, गर्दन) में ऐंठन हो जाती है।इसकी वजह से उन्हें काफी बैचेनी महसूस होती है और उन्हें व्यायाम करने की जरूरत पड़ती है।
मूत्राशय और आंत को अनियमित रूप से कार्य करना- यदि किसी व्यक्ति का मूत्राशय और आंत सही तरह से काम करना बंद करते हैं, तो उसे इसकी जांच डॉक्टर से करानी चाहिए।
गर्दन में अकड़न का होना- यह सर्वाइकल का अन्य लक्षण है, जिसमें व्यक्ति की गर्दन में अकड़न पड़ जाती है।
इसकी वजह से स्थिति इतनी बदतर हो जाती है कि उसे गर्दन को हिलाने में भी परेशानी होने लगती है।
सर्वाइकल का दर्द क्यों होता है? (Cervical Pain Causes in Hindi)
सर्वाइकल कई सारे कारणों से हो सकता है, इनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं-
गर्दन का अत्याधिक उपयोग करना- सर्वाइकल उन लोगों में होने की संभावना अधिक रहती है, जो दिनचर्या में ऐसे कामों को अधिक करता है, जिनका दबाव उसकी गर्दन पर पड़ता है।
इसी कारण सभी को ऐसे भारी कामों को करने से बचना चाहिए।
गर्दन या कमर में चोट का लगना- यदि किसी व्यक्ति की गर्दन या कमर पर कभी चोट लगी हो तो उसे सर्वाइकल हो सकता है।
अत: किसी भी तरह की चोट लगने पर उसे इसकी जांच तुरंत करानी चाहिए।
हर्नियेटेड डिस्क- सर्वाइकल मुख्य रूप से उस व्यक्ति को हो सकती है, जो हर्नियेटेड डिस्क (herniated disk) से पीड़ित होता है।हार्नियेटेड डिस्क से तात्पर्य उस समस्या है, जो रीढ़ की हड्डी के दो हड्डियों के बीच में खिंचाव के कारण होती है। हालांकि, इस समस्या का इलाज माइक्रोडिस्केक्टॉमी (microdiscectomy) नामक सर्जरी के द्वारा किया जा सकता है।
गलत मुद्रा में सोना- यदि कोई व्यक्ति गलत मुद्रा में सोता है, तो उसे सर्वाइकल हो सकता है।
ऐसा करने से रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है, यह पीठ के दर्द का कारण बनता है।
तनाव लेना- सर्वाइकल उस व्यक्ति को भी हो सकता है, जो अत्याधिक तनाव लेता है।
अधिक तनाव लेने का असर मानव शरीर पर पड़ता है और इसकी वजह से उसे काफी सारी परेशानियां होती हैं।
सही तरीके से न चलना- कुछ लोग सही तरीके से नहीं चलते हैं, वे थोड़ा झुककर चलते हैं, इसी कारण उन्हें रीढ़ की हड्डी संबंधी कई सारी समस्याएं हो सकती हैं।
अत: हर व्यक्ति को हर कोशिश करनी चाहिए कि उसके चलने की मुद्रा सही हो और इस दौरान उसकी रीढ़ की हड्डी पूरी तरह से सीधी हो।
यदि किसी को ऐसे चलने की आदात है तो वह इससे छुटकारा पाने के लिए कुछ व्यायाम का भी सहारा ले सकता है, जिनके माध्यम से वह सीधा चलना सीख सकता है।
सर्वाइकल का दर्द कैसे ठीक किया जा सकता है? (Cervical Pain Treatments in Hindi)
हो सकता है कि ज्यादातर लोग सर्वाइकल को एक लाइलाज समस्या समझते हैं और इसी कारण वे सर्वाइकल का सही तरीके से इलाज न करा पाते हो।
योगा करना- वर्तमान समय में काफी सारे लोग योगा को अपना रहे हैं क्योंकि इसमें काई सारी बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति को सर्वाइकल है, तो वह इससे आराम पाने के लिए सूर्यनमस्कार,भुजांगासन, व्रकासन इत्यादि आसनों को कर सकता है।
फीजियोथेरेपी लेना- कई बार डॉक्टर सर्वाइकल से पीड़ित व्यक्ति को फीजियोथेरेपी लेने की भी सलाह देेते हैं। फीजियोथेरेपी से सर्वाइकल में आराम मिलता है और उसे भी राहत की सांस लेता है।
स्पाइन सर्जरी कराना- यदि सर्वाइकल से पीड़ित व्यक्ति को किसी अन्य तरीके से आराम नहीं मिलता है, तो फिर डॉक्टर उसे स्पाइन सर्जरी कराने की सलाह देते हैं।
इस स्थिति में उसके लिए सर्जरी ही एकमात्र विकल्प बचता है, तो इसके लिए रामबाण इलाज साबित हो सकता है।